मरने के बाद आत्मा के साथ क्या होता है ?

जय श्री कृष्ण दोस्तो

कलयुग में जिसका जन्म हुआ है उसका मरणा निच्छित है फिर भी इंसान पैसो के लिए ना जाने क्यों बुरे काम करता है ?


गरुड़ पुराण के अनुसार जब मृत्यु आती है उस समय यमलोक से दो यमदूत आत्मा को साथ लेने के लिए आते हैं. यमदूतों के आते ही आत्मा शरीर छोड़ देती है और उनके साथ यमलोक चली जाती है. यमलोक में ले जाकर यमदूत उसे 24 घंटे तक यमलोक में रखते हैं और उसे दिखाते हैं कि अपने जीवन में उसने क्या-क्या अच्छे और क्या-क्या बुरे कर्म किए हैं. इसके बाद आत्मा को उसी घर में छोड़ दिया जाता है, जहां उसका जीवन बीता होता है.

 13 दिनों तक आत्मा अपने परिजनों के बीच रहती है. ये भी मान्यता है कि जिसने जीवन में अच्छे कर्म किए हैं, उसके प्राण निकलने में ज्यादा परेशानी नहीं होती, लेकिन जिसने बुरे कर्म किए हैं, उसे प्राण छोड़ते समय काफी पीड़ा का अनुभव होता है.

आज हम जानेगे की आत्मा के साथ क्या होता है ?




गरुड़ पुराण के अनुसार 13 दिन पूरे करने के बाद आत्मा को फिर से यमलोक के रास्ते पर जाना होता है. यमलोक के रास्ते मेंं उसे तीन अलग-अलग मार्ग मिलते हैं. स्वर्ग लोक, पितृ लोक और नर्क लोक. व्यक्ति के कर्मों के आधार पर ये निर्धारित किया जाता है कि उसे किस मार्ग पर भेजा जाएगा. पहला अर्चि मार्ग यानी देवलोक की यात्रा का मार्ग माना जाता है. दूसरा मार्ग धूम मार्ग पितृलोक का मार्ग बताया गया है और तीसरा मार्ग उत्पत्ति विनाश मार्ग जो नर्क की यात्रा के लिए होता है. अपने पाप और पुण्य को निर्धारित समय तक भोगने के बाद आत्मा को फिर से शरीर मिलता है.



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